Wednesday, 26 March 2025

भगवान श्री हरि विष्णु जी के दिव्य अवतार

भगवान विष्णु जी  सृष्टि के पालनहार

1️⃣ परिचय – हिंदू धर्म में भगवान विष्णु को त्रिदेवों में से एक माना जाता है, जो सृष्टि के पालनहार हैं। वे संसार की रक्षा और धर्म की स्थापना के लिए समय-समय पर अवतार लेते हैं।
2️⃣ श्रीहरि विष्णु का स्वरूप – उनका वर्ण नीलवर्ण है, वे चार भुजाओं वाले हैं। उनके हाथों में शंख, चक्र, गदा और पद्म होते हैं। उनकी पत्नी देवी लक्ष्मी हैं और वाहन गरुड़।
3️⃣ दशावतार – जब भी अधर्म बढ़ता है, तब भगवान विष्णु अवतार धारण करते हैं। उनके दस प्रमुख अवतार हैं:
मत्स्य
कूर्म
वराह
नृसिंह
वामन
परशुराम
राम
कृष्ण
बुद्ध
कल्कि (आने वाला अवतार)
4️⃣ श्रीहरि का महत्व – वे न केवल सृष्टि के पालनकर्ता हैं, बल्कि भक्ति, प्रेम, और करुणा के प्रतीक भी हैं। विष्णु सहस्रनाम में उनके 1000 नामों का वर्णन मिलता है।
5️⃣ विष्णु पूजन एवं मंत्र –
“ॐ नमो नारायणाय”
“ॐ विष्णवे नमः”
“ॐ श्रीं विष्णवे नमः”
6️⃣ वैष्णव संप्रदाय – जो भक्त विष्णु की आराधना करते हैं, उन्हें वैष्णव कहा जाता है। भारत में कई प्रमुख वैष्णव संप्रदाय हैं, जैसे कि श्रीसम्प्रदाय (रामानुजाचार्य), मध्व सम्प्रदाय, गौड़ीय वैष्णव (चैतन्य महाप्रभु)।
7️⃣ विष्णु जी के प्रमुख मंदिर –
तिरुपति बालाजी (आंध्र प्रदेश)
श्री रंगनाथस्वामी मंदिर (तमिलनाडु)
बद्रीनाथ धाम (उत्तराखंड)
जगन्नाथ पुरी (ओडिशा)
8️⃣ गीता में विष्णु तत्व – श्रीकृष्ण (विष्णु के अवतार) ने अर्जुन को गीता में विराट स्वरूप दिखाया था, जिसमें पूरी सृष्टि समाहित थी।
भगवान विष्णु की भक्ति से व्यक्ति को मोक्ष प्राप्ति का मार्ग मिलता है।

🙏 जय श्री हरि विष्णु जी 🙏

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